SESSION ON “DANA PAANI” (FEED THE BIRDS)
12-Apr- 2023
निरीह पशु-पक्षियों हेतु दाना-पानी उपलब्ध कराने, विद्यार्थियों एवं उनके अभिभावकों के लिए जागरूकता-सत्र का आयोजन

ब्रह्मलीन परमहंस संत हिरदाराम साहिबजी के आशीष एवं संस्थान प्रेरणापुरुष परम श्रद्धेय सिद्ध भाऊजी की छत्र-छाया में दिनांक 12 अप्रैल को मिठी गोबिंदराम पब्लिक स्कूल में बढ़ते तापमान में निरीह पशु-पक्षियों के प्रति सेवा भाव लाने के महत्व को समझाने हेतु कक्षा पहली के विद्यार्थियों एवं उनके अभिभावकों हेतु जागरूकता-सत्र का आयोजन किया गया।
सत्र को सम्बोधित करते हुए परम श्रद्धेय सिद्ध भाऊ जी ने मूक पक्षियों को दाना-पानी देने के पीछे के मनोविज्ञान पर प्रकाश डालते हुए कहा कि स्वयं का पेट भरने से पहले रात भर के भूखे-प्यासे पशु-पक्षियों को सुबह जल्दी उठकर बिना कुछ खाए पिये दानापानी दें, जिससे उनके हृदय से निकली हुई दुआएं आपके जीवन को सुखमय बनाएंगीे। खिलाने में जो आनन्द है वह खाने में नहीं। सुबह सवेरे पक्षियों को दाना-पानी मिलने पर इन पक्षियों की आत्मा खिल उठती है। परमात्मा भी प्रसन्न होते हैं कि मेरी सबल संतान ने मेरी निर्बल संतान की रक्षा की एवं वे हम और हमारे परिवार पर आने वाले संकटों से हमारी रक्षा करते हैं। मानव कल्याण की भावना तभी बलवती हो सकती है जब हम संसार के समस्त जीवों के लिए आत्मीयता का भाव हृदय में रोपित करें। इसके लिए हमें अपने आप-पास के निरीह पशु-पक्षियों को दाना-पानी देकर अपने मानव होने के दायित्व को निभाना होगा। इसके साथ ही उन्होंने विद्यार्थियों को समझाते हुए कहा कि जो जेब खर्च आपको माता-पिता से मिलता है उससे छोटी-छोटी बचत कर पक्षियों के लिए दाना लें। आगे उन्होंने अभिभावकों को सम्बोधित करते हुए कहा कि घर के छोटे-छोटे कार्यों में बच्चों को शामिल करें ताकि उनमें मेहनत करने की आदत विकसित हो सके। माता-पिता की संपदा उसकी संतान है, वह पढ़ लिखकर उच्च पदों पर आसीन हो तो उनका जीवन सफल है। इसी क्रम में भारतीय संस्कृति की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने बताया कि हमारी संस्कृति सबसे अलग है, अपनी संस्कृति को अपनाएँ, उसे न भूलें।
गर्मी के दिनों में मनुष्य को ही नहीं मूक पशु-पक्षियों को भी बढ़ते तापमान से राहत की जरूरत होती है। इन विचारों के साथ छात्रों को संबोंधित करते हुए संस्था सचिव आदरणीय ए.सी. साधवानी ने अपने उद्बोधन में संस्था के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि विद्यालय बालकों को मात्र शिक्षित ही नहीं करता अपितु संस्कारित कर उनके व्यक्तित्व को उज्ज्वल बनाने हेतु सतत प्रयासरत है।
विद्यालय प्राचार्य श्री अजय बहादुर सिंह ने अपने उद्बोधन में कहा कि यही वह उम्र है जिसमें बच्चों में अच्छे संस्कारों का रोपण किया जा सकता है एवं उन्हें चरित्रवान व अनुशासित बनाया जा सकता है।
विद्यालय कॉर्डिनेटर सुश्री मिनी नायर ने छात्रों को पक्षियों हेतु दाना-पानी रखने के विशेष महत्वा और आवश्य कता के संबंध में बताते हुए कहा कि इनकी सेवा करने से ईश्वर हमें अपना आशीर्वाद व संरक्षण देते हैं। उन्होंने छात्रों सें कहा कि दाना खत्म होने पर अपने जेब खर्च में से बचाए हुए पैसो से दाना खरीदना है ताकि आप पक्षियो को नियमित रूप से दाना दे सकें।
कार्यक्रम मे कक्षा पहली के नन्हे मुन्ने छात्रों द्वारा चिडिया पर एक बहुत ही सुंदर कविता प्रस्तुत की गई । कार्यक्रम का कुशल संचालन शिक्षिका सृष्टि सिंह जाट द्वारा किया गया।

अंत में सभी छात्रों को परम श्रद्धेय भाऊजी की प्रेरणा से भेंट स्वरूप चावल के डेढ़ किलो के दो पैकेट अर्थात् तीन किलो चावल, दो सकोरे प्रदान किये गये। जिससे वे अपने घरो में इन सकोरों में दाना और पानी रखकर मूक और निरीह प्राणियों की भूख और प्यास शांत करें । इस तरह उन्हें मूक जीवों के प्रति संवेदनशील बनने हेतु अभिप्रेरित किया गया।
सत्र में संस्था के अध्यक्ष परम श्रद्धेय सिद्ध भाऊजी, संस्थान सचिव श्री ए.सी. साधवानी, विद्यालय प्राचार्य अजय बहादुर सिंह, उपप्राचार्या श्रीमती आशा चंगलानी, कॉर्डिनेटर श्रीमती मिनी नायर, कक्षा पहली अ, ब, स के छात्र, उनके अभिभावकगण, कक्षाध्यापिकाएं, खेल एवं संगीत विभाग के शिक्षक उपस्थित रहे । कार्यक्रम के अंत में सभी छात्रों को तीन किलो चावल, 2 सकोरे प्रदान किये गये जिससे वे अपने घरों में इन सकोरों में दाना और पानी रखकर मूक और निरीह प्राणियों की भूख और प्यास शांत करें। इस तरह उन्हें मूक जीवों के प्रति संवेदनशील बनने हेतु अभिप्रेरित किया गया।
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