Inspirational Session for Students
4-Feb- 2023
*अनुशासन और विनम्रता विद्यार्थी का आभूषण : श्रद्धेय सिद्ध भाऊजी*

दिनाँक 04 फरवरी 2023 ब्रह्मलीन संत हिरदाराम साहिब जी के आशीर्वाद एवं श्रद्धेय भाऊजी के मार्गदर्शन में संचालित मिठी गोबिन्‍दराम पब्लिक स्‍कूल की कक्षा सातवीं के छात्रों हेतु अभिप्रेरक सत्र का आयोजन किया गया।

इस कार्यक्रम का मूल उद्देश्य छात्रों में मानवीय मूल्‍यों को रोपित करना एवं करूणा निदान ईश्‍वर के प्रति आस्तिक भावों को जीवन में आत्‍मसात करने हेतु अभिप्रेरित करने का रहा। 

इस अवसर पर श्रद्धेय सिद्ध् भाऊजी ने छात्रों को अभिप्रेरित करते हुए कहा कि अनुशासन एवं विनम्रशीलता किसी भी छात्र के व्‍यक्तित्‍व का आकर्षक आभूषण है अत: इस किशोरावस्‍था में क्रोध से दूरी बनाते हुए प्रत्‍येक छात्र को शालीन एवं सौम्‍य गुणों को अपने भीतर बनाए रखने का सतत् प्रयास करते रहना चाहिए। उन्‍होंने प्रभावशाली पंक्ति ''न किसी को तू सता, न किसी की आह ले, हो सके तो कर भला, वरना अपनी राह ले'' के माध्‍यम से छात्रों में कल्‍याणकारी भावना को अपने भीतर सिंचित करने के लिए प्रेरित किया, क्‍योंकि मानव जीवन परहित हेतु जन्‍मा है। इसी क्रम में उन्‍होंने एक स्‍वस्‍थ जीवन जीने के नियमों पर प्रकाश डालते हुए पौष्टिक आहार, संतुलित दिनचर्या अपनाने एवं वार्षिक परीक्षा की तैयारी को गंभीरता से लेने हेतु कहा। आपने कहा कि माँ को अपना ‘बेस्ट-फ्रेंड’ मानकर अपनी दिनचर्या उनके साथ साझा करें तथा उनकी आज्ञा को सर्वोपरि स्‍थान दें  क्योंकि माता-पिता सदैव बच्चों के हित-अहित का ध्यान रखते हुए ही उनकी जरूरतों के अनुसार उनकी इच्छाओं की पूर्ति करते हैं।

इस अवसर पर श्रद्धेय सिद्ध् भाऊजी ने छात्रों को अभिप्रेरित करते हुए प्रणाम करने की विशिष्ट पंचांग शैली का परिचय दिया तथा इस पंचम भाव शैली के मनोवैज्ञानिक, वैज्ञानिक महत्त्व एवं प्रभाव से उन्‍हें अवगत कराया। उन्होंने पंचांग शैली की पद्धति पर प्रकाश डालते हुए कहा कि दोनों हाथों से बड़ों के चरणों को स्पर्श करना, घुटनों के बल बैठकर चरणों में झुकना, माथे को बड़ो के चरणों में लगाना, साष्टांग अर्थात संपूर्ण शरीर को झुकाकर चरण वंदन कर हम माता-पिता एवं वृद्धजनों का आशीष प्राप्त करें।

श्रद्धेय भाऊजी ने आरती के महत्व पर प्रकाश डालते हुए छात्रों को संबोधित किया कि संध्या आरती परिवार के सभी सदस्यों में धीरज भर कर उन्हें दुःखों एवं दुर्घटनाओं से बचाकर परिवार में सकारात्मक ऊर्जा द्वारा प्रत्येक सदस्य को प्रफुल्लित मन प्रदान करती है। परिवार रूपी स्तम्भ को मजबूत करने के लिए आवश्यक है कि प्रत्येक सदस्य ईश्वर की उस सर्वोच्च सत्ता के प्रति आस्तिक होकर संध्या आरती सामूहिक रूप से करें ताकि परिवार में आत्मीयता का भाव सुदृढ़ हो सके, साथ ही उन्‍होंने विद्यार्थियों को परामर्श दिया कि वे संध्‍या आरती के समय जाने-अनजाने में हुई दिन भर की गलतियों के लिए करबद्ध होकर ईश्वर से क्षमा याचना अवश्य करें तथा अपने दिन की शुरूआत निरीह मूक पशु-पक्षियों को दाना-पानी देने से करें क्योंकि हमारी तरह वे स्वयं दाने-पानी की व्यवस्था करने में समर्थ नहीं हैं।

अपने आशीर्वचनों के इसी क्रम में श्रद्धेय भाऊ जी ने राष्ट्र निर्माण के आधार स्तंभ अटल बिहारी बाजपेयी, ए.पी.जे. अब्दुल कलाम एवं वर्तमान प्रधानमंत्री माननीय श्री नरेन्द्र मोदी जी के व्यक्तित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि प्रत्‍येक विद्यार्थी को इन महाविभूतियों से प्रेरणा लेने की आवश्‍यकता है कि विषम परिस्थितियां भी आपके दृढ़-संकल्‍प, लगन  एवं परिश्रम के आगे नतमस्‍तक होकर सफलता के शिखर तक पहुंचाने में  स्‍वयं आपकी सहायक भूमिका के रूप में मुखरित होती हैं।

कार्यक्रम में विद्यालय प्राचार्या श्रीमती आशा चंगलानी ने छात्रों को संबोधित करते हुए अनुशासन पर आधारित रोचक लघुकथा के माध्‍यम से विद्यार्थियों में अनुशासन एवं शिष्‍टाचार के गुणों को रोपित करने का सार्थक प्रयास किया। इसके साथ ही उन्‍होंने अपने वक्‍तव्‍य में  कहा कि विद्यार्थियों को अपने नियमित पशु-पक्षियों को दाना पानी देना, ईश्वर की पूजा करना, बड़ों की आज्ञा मानकर उनके चरण स्पर्श करना तथा अंकुरित अनाज का सेवन करना आदि जैसी अच्छी आदतें डालनी चाहिये। 

इस शृंखला में श्रीमती मिनी नायर (कोआर्डिनेटर) ने अपने उद्बोधन में कहा कि ईश्‍वर के प्रति हमेशा आस्‍थावान रहें, स्‍वयं और ईश्‍वर के संबंध को मजबूत बनाने के लिए नियमित रूप से संध्‍या आरती करें। संध्‍या के समय अपने सभी विशेष कार्यों को छोड़ कर परिवार के सदस्‍यों के साथ आरती-पूजन का हिस्‍सा बनकर उस परमसत्‍ता के प्रति नतमस्‍तक रहें तथा माता-पिता एवं घर के बड़े-बुजुर्गों का सम्‍मान कर उनसे आशीर्वाद प्राप्‍त करें।

इस अवसर पर कक्षा सातवीं के सभी कक्षाओं के विद्यार्थियों ने सक्रिय होकर सहभागिता की ओर बताए गए मूल्यों को दोहराया और उनको अपनाने का वादा किया। 

कार्यक्रम के अंत में भाऊजी ने छात्रों को आशीर्वाद स्‍वरूप में पेन भेंट की। कार्यक्रम का सफल संचालन विद्यालय शिक्षिका श्रीमती कामिनी सोनी एवं आभार ज्ञापन छात्र सौभाग्‍य गंगारामानी द्वारा किया गया।

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