Vijay Diwas 16 December
16-Dec- 2022
भारत शीघ्र हर क्षेत्र में विश्व गुरू बनेगा- विंग कमांडर डॉ. यू. के. चौधरी

शहीद हेमू कालानी एज्यूकेशनल सोसायटी द्वारा गरिमामय रूप से विजय दिवस मनाया गया।

संत हिरदाराम नगर: आज दिनांक 16 दिसंबर 2022 को परमहंस संत हिरदाराम साहिबजी के आशीर्वाद से स्थापित एवं उनके उत्तराधिकारी श्रद्धेय सिद्ध भाऊजी के प्रेरणाप्रद मार्गदर्शन में संचालित राजधानी की उत्कृष्ट शिक्षण संस्था शहीद हेमू कालाणी एजूकेशनल सोसायटी द्वारा संचालित स्कूलों - मिठी गोबिंदराम पब्लिक स्कूल, नवनिध हासोमल लखानी पब्लिक स्कूल, विद्यासागर पब्लिक स्कूल, चिल्ड्रन्स होप इंडिया गर्ल्स स्कूल, केवलराम चैनराय पब्लिक स्कूल, संत हिरदाराम गर्ल्स कॉलेज, संत हिरदाराम मेडिकल कॉलेज ऑफ़ नेचुरोपैथी एंड योगिक साइंसेस व जीव सेवा संस्थान द्वारा संचालित संत हिरदाराम इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट द्वारा संयुक्त रूप से विजय दिवस मनाया गया। कार्यक्रम वातानुकूलित संत हिरदाराम ऑडिटोरियम में सम्पन्न हुआ। इस आयोजन में स्कूलों एवं कालेजों के प्राचार्यगण - श्रीमती आशा चंगलानी, श्रीमती अमृता मोटवानी, श्रीमती मिष्ठी वासवानी, श्रीमती प्रिया जैन शर्मा, श्रीमती वर्षा त्रिपाठी, श्री राजेश लालवानी, डॉ. हेमांशु शर्मा, डॉ. आशीष ठाकुर भी उपस्थित थे।

इस आयोजन में पर विशिष्ट अतिथि एवं मुख्य वक्ता के रूप में पधारे कर्नल नारायण पारवानी जी ने पीपीटी व वीडियोज के माध्यम से बहुत ही प्रभावी प्रस्तुतीकरण दिया। उन्होंने बताया कि यह युद्ध 03 दिसंबर 1971 को प्रारम्भ हुआ और मात्र 13 दिन बाद 16 दिसंबर 1971 को विश्व मानचित्र में एक नए देश बांग्लादेश के उदय के साथ समाप्त हुआ। भारतीय सेना के नायक जगजीत सिंह अरोड़ा के सामने पाकिस्तानी सेना के प्रमुख जनरल नियाजी ने अपने 93000 सैनिकों के साथ आत्म समर्पण किया था। विश्व के इतिहास में यह संख्यात्मक रूप से दूसरे नंबर पर सबसे बड़ा समर्पण था। इस युद्ध में पाकिस्तान की मदद अमेरिका सहित विश्व के कई बड़े देश कर रहे थे एवं हथियारों के मामले में भी पाकिस्तान हमसे मजबूत था। फिर भी भारतीय सेना अपनी जांबाजी का प्रदर्शन करते हुए आगे बढ़ती चली गई। ‘द ब्लड टेलीग्राम’ नामक पुस्तक में पाकिस्तान की मनःस्थिति एवं बौखलाहट का वर्णन मिलता है। भारत के लिए यह युद्ध चुनौतीपूर्ण रहा जिसमें भारतीय सैनिकों ने अदम्य साहस एवं वीरता का परिचय दिया जिसे न्यूयार्क टाइम्स समेत विश्व के कई अखबारों में दर्शाया गया।

मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए विशिष्ट सेवा मैडल से अलंकृत, विंग कमाण्डर, डॉ यू. के. चौधरी ने कहा कि श्रद्धेय सिद्धभाऊ जी पितृ पुरूष हैं एवं उनके मार्गदर्शन में यह संस्था देश के सर्वोत्कृष्ट नागरिकों का निर्माण कर देश हित में अपना योगदान दे रही है। वर्तमान समय नारी शक्ति का है। छात्राओं से बात करते हुए उन्होंने कहा कि आप सभी योद्धा बनने जा रही हैं। आगामी समय में आप एनडीए की टॉपर होगीं। आपने वॉर और बैटल के अंतर को प्रभावी ढंग से बताते हुए भारतीय युद्ध के इतिहास को विभिन्न उदाहरणों के द्वारा विस्तृत रूप से बताया। उन्होंने कहा कि भारत का एक स्वर्णिम युद्ध इतिहास रहा है। युवाओं को देश के महान नायकों से परिचित कराना आवश्यक है। भारत अब विभिन्न दृष्टि से शक्तिशाली हो गया है। हमारा साहस, समर्पण और देशभक्ति सर्वोपरि है। उन्होंने कहा कि भारत शीघ्र हर क्षेत्र में विश्वगुरू बनेगा, ऐसा पूर्ण विश्वास है।

इस अवसर पर परमहंस संतजी के उत्तराधिकारी एवं संस्था के अध्यक्ष व मार्गदर्शक श्रद्धेय संत सिद्ध भाऊजी ने अपने आशीर्वचनों में कहा कि आज के समय में विद्यार्थियों में राष्ट्र के प्रति दायित्व बोध की कमी आ रही है। छात्र - छात्राओं से उन्होंने एनडीए के माध्यम से देश सेवा से जुड़ने की बात कही। देश के विभिन्न परिदृश्यों पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि सभी लोग अपने विवेक से देशहित में कार्य करें एवं निज स्वार्थों के लिए देश की आलोचना न करेें। देश के भीतर स्वस्थ माहौल बनाना हमारा परम कर्तव्य है। आज भारतीय सैनिकों और देशभक्तों का दिन है। उनकी कुर्बानियों का सदैव सम्मान करें। छात्राओं से उन्होंने कहा कि भारतीय सेना में आपको अपने शौर्य व साहस को प्रदर्शित करने का सुअवसर प्राप्त हुआ है। आप सभी वीरांगनाएं हैं, अपने आप में विश्वास कर अपनी क्षमताओं को पहचानें। आप में सहनशीलता है। आप समाज हित में अपनी सकारात्मक भूमिका अदा करें। श्रद्धेय भाऊजी ने कर्नल पारवानी जी को धन्यवाद देते हुए कहा कि हम सब में और युवाओं में देश प्रेम की भावना को जागृत करने एवं अपने प्रस्तुतीकरण में आपके योगदान के लिए यह संस्था आपकी आभारी है। श्रद्धेय भाऊजी ने कहा कि अब रक्षा सेनाओं में महिलाओं की शक्ति को पहचाना जाने लगा है। हमारे स्कूल्स एवं कालेजों में बालिकाओं को आत्मरक्षा का प्रशिक्षण भी दिया जाता है। सेना में हमारे स्कूलों के छात्र और छात्राओं ने उपस्थिति दर्ज की हैै।

इसके पूर्व संस्था के सचिव श्री ए. सी. साधवानी ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि हम सब सौभाग्यशाली हैं कि आज के इस देशभक्ति से ओतप्रोत कार्यक्रम में थल सेना के कर्नल पारवानी एवं वायु सेना से डॉ यू. के. चौधरी विद्यार्थियों को सम्बोधित करने आये हैं। यह एक सुखद संयोग है। श्रद्धेय सिद्ध भाऊजी की प्रेरणा से एवं कर्नल पारवानीजी के मार्गदर्शन में शहीद हेमू कालानी एजुकेशनल सोसाइटी देशभक्ति के कई कार्यक्रम एवं नाटक आदि आयोजित करती रहती है। इस संस्था द्वारा संचालित सभी स्कूलों और कालेजों में उत्कृष्ट शिक्षण के साथ ही देशभक्ति व अन्य पावन संस्कार विद्यार्थियों में समाहित किये जाते हैं। उन्होंने संत जी एवं श्रद्धेय सिद्धभाऊ जी की अन्य कल्याणकारी गतिविधियों को संचालित करने वाली संस्थाओं जीव सेवा संस्थान, सेवा सदन नेत्र चिकित्सालय, नवयुवक परिषद, आरोग्य केन्द्र आदि की भी जानकारी दी।

कार्यक्रम में भूतपूर्व सैनिक सुबेदार मेजर तेजासिंह सोढी, सूबेदार बी.के. शर्मा, सूबेदार के.सी. कटोच, हवलदार हरिपाल एवं मिलिट्री सर्विस इंजीनियर एन.एस. सोलंकी एवं मुख्य अतिथि तथा कर्नल पारवानी के कॉलेज सहपाठी सरदार मोहन सिंह, श्री रवि शिंग्वेकर, श्री जितेन्द्र शर्मा, श्री राकेश सितोके, श्री शरद निगम ने विशेष उपस्थिति दर्ज की। साथ ही शहीद हेमू कालानी एजूकेशनल सोसायटी के सदस्यगण एवं पदाधिकारी सर्वश्री हीरो ज्ञानचंदानी, ए सी साधवानी, भगवान बाबानी, गोपाल गिरधानी, मनोहर वासवानी, एल.सी. जनयानी, समेत गणमान्य नागरिक सर्वश्री विष्णु गेहानी,मेनिस मेथ्यूज, नंद सनमुखानी, गोवर्धन पंजवानी, आसुदो लच्छवानी, के.टी. दादलानी, राजकुमार मूलचंदानी के अलावा उपनगर के समस्त स्कूलों/कॉलेजों के प्राचार्य, उप-प्राचार्य एवं अन्य स्टाफ मौजूद थे।
इस कार्यक्रम के अंत में दो मिनट का मौन रखकर 1971 के युद्ध के शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई।

आभार प्रदर्शन एवं कार्यक्रम का कुशल संचालन सुश्री प्रमिता दुबे परमार ने किया।
 
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