CBSE Meritorious Student Felicitation Ceremony 2022
28-Oct- 2022

मिठ्ठी गोबिंदराम पब्लिक स्कूल में मेधावी छात्र सम्मान समारोह का आयोजन

"माता-पिता के त्याग के प्रति कृतज्ञता ही-सफलता का मूल मंत्र है"- श्रद्धेय सिद्ध भाऊजी


दिनांक 28 अक्टूबर 2022:  ब्रह्मलीन संत हिरदाराम साहिब जी के आशीष एवं शहीद हेमु कालानी एजुकेशनल सोसाइटी के प्रेरणापुरूष अध्यक्ष, श्रद्धेय सिद्ध भाऊजी के पावन सानिध्य में, मिठी गोबिंदराम पब्लिक स्कूल के, सत्र  2021-22  के कक्षा दसवीं एवं बारहवीं सीबीएसई बोर्ड परीक्षा में उत्कृष्ट अकादमिक प्रदर्शन (85 प्रतिशत से अधिक अंक लानेवाले)  50 विद्यार्थियों हेतु,  ‘मेधावी छात्र सम्मान’ समारोह का आयोजन संत हिरदाराम सभागार में किया गया जिसमें उन विधार्थियों के अलावा उनके माता-पिता, दादा-दादी, नाना-नानी एवं परिवार के अन्य सदस्यों को भी आमंत्रित किया गया। इस कार्यक्रम का मूल उद्देश्य विद्यार्थियों की लगनशीलता, अध्ययन के प्रति गंभीर दृष्टिकोण, आत्मविश्वास, सतत् परिश्रम करने की प्रवृत्ति की सराहना करना तथा उनके माता-पिता के प्रति कृतज्ञता का भाव जगाना रहा ताकि अन्य छात्र भी इन से प्रेरित होकर, अध्ययन के प्रति सजग रह सकें। सभी छात्रों को प्रमाण-पत्र दिये गये। साथ ही, परम श्रद्धेय सिद्ध भाऊजी के पावन कर कमलों से उन्हें, उनके माता-पिता व परिवार के अन्य सदस्यों का सरोपा, श्रीफल व पुष्प-गुच्छ से सम्मान किया गया। सम्मान करते हुए उन्होंने प्रत्येक छात्र से अलग-अलग न सिर्फ कहा कि माता-पिता की चरण-रज माथे पर लगाएँ बल्कि ऐसा स्वयं भी करके दिखाया ताकि छात्र अच्छे से सीखें। उन्होंने छात्रों को केरियर के बारे में भी उसी समय व्यक्तिगत रूप से मार्गदर्शन दिया।


इस अवसर पर अपने आर्शीवचनों में श्रद्धेय सिद्ध भाऊजी ने सभागार में उपस्थित अभिभावकों, शिक्षकों एवं अकादमिक उत्कृष्टता प्रदर्शित करने वाले विद्यार्थियों को असीम शुभकामनाएँ प्रदान करते हुए कहा कि छात्रों की सफलता का श्रेय उनकी मेहनत के साथ ही अभिभावकों के त्याग एवं आशीर्वाद को जाता है। माता-पिता के त्याग बलिदान के प्रति कृतज्ञता, शिक्षिकों के प्रति श्रद्धाभाव, लक्ष्य के प्रति सजगता, परमात्मा में विश्वास, समय प्रबंधन, स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहना ही सफलता के कारण हैं। माँ का हृदय तो वात्सल्य का अमृत सरोवर है। अपने विचारों पर सजग रहें,इन विचारों को साधने के लिए अच्छा सुनना, देखना, सत्साहित्य पढ़ना आवश्यक है। मन पर नियंत्रण के लिए अच्छे मित्र बनाएँ। अपने अभिभावकों की आज्ञा मानने से आपके प्रयास कभी निष्फल नही होंगे। उनके चरणों की रज अवश्य लें यह आपके भाग्य को बदल देगी। आज का दिन आत्म मंथन का है। इसे नींव की स्थापना कह सकते हैं। छात्र अवस्था में रखी गई यह नींव आपके जीवन को सार्थक बनाएगी। धन की अपेक्षा ज्ञान को प्राप्त करने का प्रयास करें। इससे समाज में आपका सम्मान बढ़ेगा एवं आप समाज के लिए उपयोगी बन पाएँगे। वर्तमान का सद्-उपयोग ही भविष्य को सुखद बनाता है। अध्ययन के साथ खेल, व्यायाम और मनोरंजन को भी जीवन का अंग बनाएँ। उन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी, राष्ट्रपति श्रीमती द्रोपदी मूर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं डॉ ए.पी.जी. अब्दुल कलाम के प्रेरणादायी व्यक्तित्व से छात्रों को परिचित कराते हुए उनको सफलतम जीवन के लिए प्रेरित किया। बुद्धि का जितना प्रयोग किया जाएगा वह उतनी ही प्रखर बनेगी। अतः एक समय सारिणी बनएं और उसका अनुशासन के साथ पालन करें। प्रत्येक छात्र प्रतिभावान होता है। इस प्रतिभा की चमक प्रयासों से बढ़ती है। जो झुकता है वही उठता है। इसलिए अपने जीवन में विनम्र बने रहें। बदलते परिवेश में व्यसनों का जाल फैला हुआ है। इससे बचाव आवश्यक है। इसलिए अच्छी संगति में रहें। टेक्नालाजी आवश्यक है किंतु उसके दुष्परिणामों से बचें। ऐसा कोई कार्य न करें कि अपनी ही नजरों में गिर जाएँ। 9वीं व 11वीं के विद्यार्थी भी ध्यान से पढ़ें क्योंकि ये कक्षाएँ 10वीं एवं 12वीं की नीवं है।


श्री के. एल. रामनानी (संस्था सह-सचिव) ने मेधावी छात्रों, अभिभावकों व शिक्षकों को बधाई देते हुए कहा कि किसी भी विद्यालय के लिए ये गौरव के क्षण होते हैं जब वे अपने छात्रों को सम्मानित करते हैं। विद्यार्थी की सफलता का मूल कारण माता-पिता एवं शिक्षकों का त्याग और सहयोग है। अतः शिखर पर पहुँचते ही हमें उन व्यक्तियों के प्रति कृतज्ञता रखना चाहिए, जिन्होंने मदद की। संतुलन जीवन की अनिवार्यता है। शिखर पर पहँचने के बाद संतुलन बनाए रखने में आपकी स्वयं की अहम भूमिका है। उसके लिए अकादमिक उत्कृष्टता के साथ नैतिक मूल्यों को जीवन में आत्मसात करना न भूलें । आंतरिक  जागृति, जिज्ञासा, शारीरिक स्वास्थ के प्रति सजगता एवं पंचभूत तत्वों के सद्गुणों को अपनाकर अपना जीवन सार्थक करें।


कार्यक्रम के आरंभ में संस्था सचिव श्री ए.सी. साधवानी ने स्वागत उद्बोधन देते हुए कहा कि विद्यार्थी श्रद्धेय सिद्ध भाऊजी के आर्शीवचनों को न केवल ध्यान से सुनें बल्कि उन पर अमल भी करें। आज का कार्यक्रम इस मायने में अतुलनीय है कि विद्यार्थियों की उत्कृष्ट पढ़ाई के कारण न केवल उनका बल्कि उनके माता-पिता व परिवार के सदस्यों का सम्मान हो रहा है।


इस कार्यक्रम में श्री हीरो ज्ञानचंदानी, (उपाध्यक्ष), श्री गोपाल गिरधानी (अकादमिक डायरेक्टर), श्री भगवान बाबानी (प्रशासनिक अधिकारी), श्री भगवान दामानी (डायरेक्टर, विद्यासागर पब्लिक स्कूल), श्रीमती आशा चंगलानी (उपप्राचार्या), कॉर्डिनेटर्स, अभिभावक, शिक्षक-शिक्षिकाएँ एवं पूरे स्कूल के छात्रगण भी उपस्थित थे।


कार्यक्रम में उपस्थितों का आभार विद्यालय उपप्राचार्या श्रीमती आशा चंगलानी द्वारा व्यक्त किया गया व कार्यक्रम का कुशल संचालन शिक्षिकाओं - श्रीमती शाशिनाथ एवं अंजू गोगिया द्वारा किया गया।


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